ग़ज़ल संग्रह आस / बशीर बद्र उजाले अपनी यादों के / बशीर बद्र उजालों की परियाँ / बशीर बद्र रोशनी के घरौंदे / बशीर बद्र सात जमीनें एक सितारा / बशीर बद्र फूलों की छतरियाँ / बशीर बद्र मुहब्बत खुशबू है / बशीर बद्र कुछ प्रतिनिधि ग़ज़लें Bashir Badr कभी यूँ मिलें कोई मसलेहत, कोई ख़ौफ़ दिल में ज़रा न हो / बशीर बद्र वो चांदनी का बदन ख़ुशबूओं का साया है / बशीर बद्र सर से चादर बदन से क़बा ले गई / बशीर बद्र मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती ना मिला / बशीर बद्र वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा / बशीर बद्र सुबह का झरना / बशीर बद्र हमारा दिल / बशीर बद्र आ चांदनी भी मेरी तरह जाग रही है / बशीर बद्र आँसुओं की जहाँ पायमाली रही / बशीर बद्र आस होगी न आसरा होगा / बशीर बद्र अभी इस तरफ़ न निगाह कर / बशीर बद्र ऐ हुस्न-ए-बेपरवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ / बशीर बद्र ऐसा लगता है ज़िन्दगी तुम हो / बशीर बद्र भीगी हुई आँखों का ये मन्ज़र न मिलेगा / बशीर बद्र भूल शायद बहुत बड़ी कर ली / बशीर बद्र दुआ करो कि ये पौधा सदा हरा ही लगे / बशीर बद्र दूसरों को हमारी सज़ायें न दे / बशीर बद्र गाँव म